November 14, 2025

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Khatu Shyam Birthday: कब है खाटू श्याम जी का जन्मदिन? जानें तिथि और बाबा श्याम का प्रिय भोग

सार
देवउठनी एकादशी के दिन को खाटू श्याम बाबा के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल “हारे के सहारे, खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन कब मनाया जाता है।

Khatu Shyam Birthday: दशहरा, दिवाली और छठ जैसे साल के बड़े त्योहारों के बाद देवउठनी एकादशी का पावन पर्व आता है। इस दिन से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इसके साथ ही इसे खाटू श्याम बाबा के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल “हारे के सहारे, खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन कब मनाया जाता है।

खाटू श्याम जी का जन्मदिन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम जी का जन्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, यानी देवउठनी एकादशी के दिन हुआ था। इस वर्ष यह तिथि 1 नवंबर 2025 को पड़ रही है। इसलिए इस दिन देशभर में खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाया जाएगा। खाटू श्याम बाबा के जन्मोत्सव के अवसर पर यदि आप घर पर पूजा करना चाहते हैं, तो इसे पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाया जा सकता है।

घर पर कैसे मनाएं खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन
1.सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
2.पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें ताकि स्थान शुद्ध और पवित्र बने।
3.अब एक चौकी या पटरे पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर खाटू श्याम जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
4.प्रतिमा के चारों ओर फूलों, मालाओं और गुब्बारों से सुंदर सजावट करें।
5.पूजा स्थल के सामने रंगोली बनाना शुभ माना जाता है।
6.अब घी का दीपक और अगरबत्ती या धूप जलाएं।
7.बाबा को रोली और चंदन का तिलक लगाएं और उन्हें फूलों की माला अर्पित करें।
8.सच्चे मन से बाबा के मंत्रों का जाप करें “ॐ श्री श्याम देवाय नमः” या “जय श्री श्याम”
आप इनमें से किसी भी एक मंत्र का 11, 21, 51 या 108 बार जाप कर सकते हैं।
9.इसके बाद बाबा को उनका प्रिय भोग खीर, चूरमा, मिश्री या पेड़े अर्पित करें।
10.अंत में कपूर या घी के दीपक से आरती करें, घंटी बजाएं और बाबा के जन्मोत्सव के गीत गाएं।
11.पूजा पूर्ण होने के बाद प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांटें और साथ में भक्ति गीतों का आनंद लें।

बाबा श्याम को प्रिय है ये प्रसाद
भक्तों में यह विश्वास है कि बाबा श्याम जी को चूरमा और पेड़े का भोग अत्यंत प्रिय है।