वायनाड:
गांव हुए ‘गायब’, बह गईं सड़कें और पुल, नदियों में बहते दिखे शव… केरल के वायनाड में जब लोग मंगलवार की सुबह उठे, तो कुछ यही भयावह मंजर लोगों को देखने को मिला. जैसे ही वायनाड में मूसलाधार बारिश हुई, चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा शहर के सबसे भीषण भूस्खलन में बह गया. बचावकर्मी, जिन्हें जीवित बचे लोगों की मदद के लिए लगाया गया था, उनका कहना है कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि आपदा कितनी बड़ी है. रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इलाके में एक के बाद एक 3 भूस्खलन हुए. भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और वाहनों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. रात करीब 2 बजे, कम से कम दो से तीन बार भूस्खलन हुआ, इससे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला. वायनाड जिले में लगातार जारी भारी बारिश के कारण मंगलवार तड़के कई जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या 43 हो गई है… ये अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोगों के नीचे दबे होने की खबर है.
कैसे आया ‘मौत का सैलाब’?
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, केरल के वायनाड में सोमवार से भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने मंगलवार को मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कासरगोड और कन्नूर जिलों में रेड अलर्ट की घोषणा की गई है. भारी बारिश ही वायनाड में भूस्खलन की वजह बनी. लगातार हुई भारी बारिश के बार आए भूस्खलन में मकान और गाडि़यां किसी कागज की नाव की तरह बह गईं. भारी बारिश के दौरान रात करीब एक बजे मुंडक्कई कस्बे में पहला भूस्खलन हुआ. जब बचाव अभियान जारी था, तभी सुबह करीब 4 बजे चूरलमाला स्कूल के पास दूसरा भूस्खलन हुआ. यहां एक शिविर के रूप में काम कर रहे स्कूल और आस-पास के घरों और दुकानों में पानी और कीचड़ भर गया. मौसम विभाग ने वायनाड समेट 4 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, ऐसे में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
बह कर पेड़ों की टहनियों में फंसी कारें
कल तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर आज बदल गई है. अन्य हिस्सों से इन इलाकों में रहने वाले लोगों का संपर्क टूट गया है. भूस्खलन के बाद तबाही का मंजर बता रहा है कि उस समय क्या स्थिति रही होगी. बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है. उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे हालात और खराब हो गए हैं. बताया जा रहा है कि भूस्खलन रात करीब 2 बजे हुआ और इलाका पूरी तरह से कट गया. वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है. इसके अलावा, पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं.
More Stories
2024 में कब है दीवाली, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन बनाए जाने वाले भोग
Matar Pulao Recipe: अगर खाना बनाने का न करें मन तो डिनर में फटाफट बनाएं मटर पुलाव, ये आसान रेसिपी आएगी काम
Gram Flour: क्या पकौड़ों को देखकर बेकाबू हो जाती है आपकी ज़ुबान, तो आज ही करना सीखिए असली और नकली बेसन की पहचान